gaurav varshney
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आरोपी किशोरों को व्यस्कों के बराबर माना जाये-मेनका गांधी(माननीया केंद्रीय मंत्री,महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय)
माननीया मेनका जी,
ये व्यवस्था लड़कों के साथ लड़कियों पर भी लागू हो तब तो ठीक है क्यूंकि ५०% से ज्यादा केस उनकी सहमति से ही होते हैं..
बलात्कार,दहेज़ उत्पीड़न जैसे केसेस में नार्को, लाई डिटेक्टर जैसी टेस्ट भी होनी चाहिए तब शायद सही अपराध और अपराधी सामने आये और सजा कठोर हो चाहे फिर अपराधी लड़का हो या लड़की ताकि औरों के लिए सन्देश मिले…(गौरव वार्ष्णेय “पागल”)
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